सन्यासी (कविता)23-Mar-2024
दिनांक- 23-0 3- 2024 दिवस- शनिवार प्रदत्त विषय- सन्यासी ( प्रतियोगिता हेतु)
कंठी, माला और कमंडल लेने वाला ना सन्यासी, युग चेतना का युद्ध लड़े चिंतन करें एकांतवासी। अवांछनीयता लोक में फैला प्रतिक्षण उसको दूर करे, विचार शस्त्र का कर प्रयोग कलमष्ता को चूर करे। लोभ, मोह का भवन बना है दूर करे वो सन्यासी। युग चेतना का युद्ध लड़े चिंतन करें एकांतवासी।
अनाचार, अज्ञान ध्वजा देश समाज में फहर रही, उद्धव का संपूर्ण नाश कर देती सबको ज़हर रही। धूल चटकार इन सबको उन्नति की खेती करना है, निष्कलंक हो देश हमारा सद्भाव ले आये सन्यासी। युग चेतना का युद्ध लड़े चिंतन करे एकांतवासी।
चक्रवर्ती, सार्वभौम साम्राज्य का जो निर्माण करे, जाति- धर्म का भेद मिटकर अखंड धरा का त्राण करे। युग- निर्माण का कर आंदोलन ध्वंस नाश करे सन्यासी, युग चेतना का युद्ध लड़े चिंतन करे एकांतवासी।
साधना शाही, वाराणसी
Mohammed urooj khan
10-Apr-2024 01:07 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
08-Apr-2024 11:01 PM
बेहतरीन
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Varsha_Upadhyay
23-Mar-2024 10:41 PM
Nice
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